कैंडलस्टिक चार्ट

कैंडलस्टिक चार्ट

शेयर बाजार में ट्रेंड को समझने के लिए अलग-अलग शेयर मार्केट चार्ट होते है। अब इन सबमे अगर हम एक लाइन चार्ट की बात करें तो वह शेयर के क्लोजिंग वैल्यू के आधार पर बनता है, लेकिंग अगर आपको क्लोजिंग, ओपनिंग और शेयर के हाई और लॉ प्राइस की जानकारी प्राप्त करनी हो तो उसके लिए कैंडलस्टिक चार्ट का उपयोग करना काफी उपयोगी होता है।

कैंडलस्टिक चार्ट का उपयोग निवेशको और ट्रेडर्स द्वारा किसी विशेष स्टॉक में ट्रेंड, प्राइस मूवमेंट को समझने के लिए विश्लेषण किया जाता है।

अब सवाल यह आता है कि मार्केट में लाभदायक ट्रेड करने के लिए कैंडलस्टिक चार्ट से विश्लेषण कैसे करते हैं? इस लेख के माध्यम से मेरे साथ बने रहें क्योंकि हम कैंडलस्टिक चार्ट के बारे में बारीकी से समझेंगे।

कैंडलस्टिक चार्ट क्या है? 

कैंडलस्टिक चार्ट का उपयोग किसी स्टॉक या इंडेक्स के प्राइस परिवर्तन के बारे में जानकारी प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है। 1700 के दशक में पहली बार इस पद्धति का जापान में लोकप्रिय रूप से उपयोग किया गया था।

कैंडल चार्ट अक्सर ट्रेडर्स द्वारा पिछले प्राइस पैटर्न के आधार पर स्टॉक की प्राइस में बदलाव को समझने ले लिए उपयोग किया जाता है। कैंडल चार्ट तकनीकी विश्लेषण (technical analysis in hindi) के लोकप्रिय घटकों में से एक है जो ट्रेडर्स और निवेशको के लिए किसी स्टॉक की जानकारी की व्याख्या करना संभव बनाता है।

कैंडलस्टिक चार्ट में चार प्राइस बिंदु हैं- ओपनिंग प्राइस, क्लोजिंग प्राइस, हायर प्राइस और लोअर प्राइस

कैंडलस्टिक चार्ट ट्रेडर्स को ट्रेड प्रक्रिया में बहुत मदद करता है। इन्हें कैंडलस्टिक चार्ट पर कैंडलस्टिक्स के कुछ घटकों द्वारा दर्शाया जाता है जिसमें बॉडी और विक शामिल होते हैं। बॉडी ओपन टू क्लोज रेंज को दर्शाती है और विक हाई-लो को दर्शाते है। बॉडी का रंग मार्केट बुलिश या वेयरिश की पहचान कराता है।

कैंडलस्टिक चार्ट के विभिन्न पैटर्न हैं जो ट्रेडर्स को स्टॉक की प्राइस में बदलाव के लिए मार्केट के मूवमेंट को निर्धारित करने में मदद करते हैं। ये पैटर्न शेयर मार्केट में अवसरों का संकेत देते हैं और मार्केट में संतुलन की अंतर्दृष्टि भी प्रदान करते हैं।

नए ट्रेडर्स के लिए, कैंडलस्टिक पैटर्न को समझना और ट्रेडिंग दुनिया में प्रवेश करने से पहले इनसे परिचित होना महत्वपूर्ण है।


कैंडलस्टिक चार्ट की संरचना 

किसी भी स्टॉक के चार्ट में बहुत सी कैंडल होती है और प्रत्येक कैंडल तीन चीजो को मिलाकर बनी होती है- 

  1. बॉडी
  2. अपर विक
  3. लोअर विक 

साथ ही, बॉडी का रंग भी होता है जो कि लाल या हरा हो सकता है। प्रत्येक कैंडल एक समय अवधि का प्रतिनिधित्व करती है और कैंडल ट्रेडर्स के भावनाओं के अनुसार बनती है। 

एक कैंडल में चार डेटा बिंदु होते हैं:

  1. ओपनिंग – वह प्राइस जिस प्राइस पर कैंडल बनना शुरु होती है। 
  2. क्लोजिंग – वह प्राइस जिस प्राइस पर कैंडल बनना बंद होती है।
  3. लोअर – वह प्राइस जो उस विशेष समय अवधि में सबसे नीचली प्राइस रही है। 
  4. हायर – वह प्राइस जो उस विशेष समय अवधि में सबसे हायर प्राइस रही है।

कैंडलस्टिक चार्ट का विश्लेषण कैसे करें?

एक कैंडल किसी विशेष अवधि के दौरान किए गए ट्रेड के उतार –चढ़ाव का प्रतिनिधित्व करती है। कैंडलस्टिक किसी भी ट्रेडर के लिए जानना जरूरी है। इससे, ट्रेडर किसी भी समय अवधि के लिए किसी भी स्टॉक की प्राइस सीमा को एक नज़र में देख सकते हैं। साथ ही, बॉडी का रंग आपको बता सकता है कि शेयर की प्राइस बढ़ रही है या गिर रही है।

इसलिए, यदि एक कैंडलस्टिक चार्ट जिसमें प्रत्येक कैंडल एक दिन का प्रतिनिधित्व करती है, उसमें लगातार अधिक लाल कैंडल बन रही है, तो ट्रेडर्स को पता होता है कि प्राइस गिर रही है।

बॉडी के ऊपर और नीचे लाइने होती हैं जिन्हें विक्स या शैडो कहा जाता है जो स्टॉक की उस विशेष टाईमफ्रेम में अधिकतम और न्युंतम प्राइस को दर्शाती हैं। 

यदि लाल कैंडल पर ऊपरी विक छोटी है, तो यह इंगित करता है कि स्टॉक दिन के उच्च स्तर के पास खुला है। 

दूसरी ओर, यदि हरे रंग की कैंडल पर ऊपरी विक छोटी है, तो यह इंगित करता है कि स्टॉक दिन के उच्च स्तर के पास बंद हुआ है।

इसलिए, एक कैंडलस्टिक चार्ट स्टॉक के ओपनिंग प्राइस, क्लोजिंग प्राइस, हायर प्राइस और लोअर प्राइस के बीच संबंध को प्रदर्शित करता है।

कैंडल की बॉडी लंबी या छोटी और लाल या हरा रंग की हो सकती है। इसके अलावा, विक भी लंबी या छोटी हो सकती है। कैंडलस्टिक का यह संयोजन एक स्टॉक के प्रति मार्केट की भावना को प्रदर्शित करता है। कैंडलस्टिक चार्ट को कैसे पढ़ा जाए, यह समझने के लिए ये विवरण महत्वपूर्ण हैं। 


कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न

कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न ट्रेडर्स की भावना, मांग और आपूर्ति, बुल और वियर, लालच और भय आदि के बीच संबंधों को समझने का एक शानदार तरीका है।

 एक ट्रेडर्स को यह हमेशा याद रखना चाहिए कि एक व्यक्तिगत कैंडल पर्याप्त जानकारी ही प्रदान करती है, लेकिन पैटर्न केवल एक कैंडल की तुलना करके निर्धारित किया जा सकता है, इसकी पूर्ववर्ती और अगली कैंडल के साथ। 

इससे लाभ उठाने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि ट्रेडर कैंडलस्टिक चार्ट के पैटर्न को समझें। कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न को बेहतर समझने के लिए आइए पैटर्न को दो खंडों में विभाजित करें:

  1. बुलिश पैटर्न।
  2. बेयरिश पैटर्न।

कैंडलस्टिक चार्ट विश्लेषण के लिए दोनों पैटर्न को समझना आवश्यक हैं।


बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न

जैसे की नाम से पता चलता है ये पैटर्न आपको मार्केट में आने वाले अपट्रेंड की जानकारी देता है। ये कई अलग-अलग तरह के होते है जिन्हेअपने शेप के अनुसार नाम दिए गए है।

1. हैमर पैटर्न

यह एक छोटी बॉडी और एक लंबी लोअर विक वाली कैंडल है। यह आमतौर पर नीचे की ओर डाउनट्रेंड में स्थित होता है।  

यह इंगित करता है कि बिकवाली के दबाव के बावजूद, एक मजबूत खरीद उछाल की बजह से स्टॉक प्राइस को ऊपर धकेल दिया गया है। यदि कैंडल की वॉडी हरे रंग की है, तो यह एक मजबूत बुल मार्केट का संकेत देता है।

2. इंवर्श हैमर पैटर्न

यह एक छोटी बॉडी और एक लंबी अपर विक वाली कैंडल है। यह आमतौर पर नीचे की ओर डाउनट्रेंड में स्थित होता है।  

यह किसी स्टॉक में बिकवाली के दबाव के बाद खरीदारी के दबाव को दर्शाता है। यह भी इंगित करता है कि खरीदारों के पास जल्द ही मार्केट का नियंत्रण होगा।  

3. बुलिश इंगल्फिंग पैटर्न

यह दो कैंडलस्टिक को मिलाकार बना एक पैटर्न है जहां पहली कैंडल एक छोटी लाल कैंडल होती है जो एक बड़ी हरी कैंडल से घिरी होती है। बुलिश इंगल्फिंग पैटर्न मार्केट में तेजी की ओर इंगित करता है जो पिछले दिन की तुलना में लोअर प्राइस पर खुलने के बावजूद प्राइस को बढ़ाता है। 

4. पियर्सिंग लाइन पैटर्न

यह भी दो- कैंडलस्टिक को मिलाकार बना एक पैटर्न है जिसमें एक लंबी लाल कैंडल होती है जिसके बाद एक लंबी हरी कैंडल होती है। साथ ही, दूसरी कैंडल की क्लोजिंग प्राइस पहली कैंडल के वॉडी के आधे से अधिक होना चाहिए। यह मार्केट में मजबूत खरीदारी दबाव को दर्शाती है। 

5. मॉर्निंग स्टार पैटर्न

यह एक तीन-कैंडल पैटर्न है जिसमें एक छोटी वॉडी बाली कैंडल है और इसके दाई ओर एक बडी लाल कैंडल होती और दाई ओर एक बडी हरी कैंडल होती है, यानि कि ये दोनो बडी कैंडल के बीच छोटी वॉडी कैंडल होती है। यह मार्केट में बिकवाली के दबाव में कमी और बुल मार्केट की शुरुआत का संकेत देती है।


बेयरिश कैंडलस्टिक पैटर्न 

ऊपर दिए गए पैटर्न जिस तरह से मार्केट में आने वाले बुलिश ट्रेंड की ओर संकेत देते है, बेयरिश कैंडलस्टिक पैटर्न मार्केट में आने वाली मंदी की जानकारी देता है

निम्नलिखित कुछ पैटर्न के बारे में बताया गया जो आपको मार्केट में शेयर प्राइस के साथ-साथ ट्रेंड के बारे में भी बताता है।

1. हैंगिंग मैन पैटर्न

यह एक छोटी बॉडी और एक लंबी ओअर विक वाली कैंडल है। यह आमतौर पर ऊपर की ओर अपट्रेंड के शीर्ष पर स्थित होता है। यह इंगित करता है कि मार्केट में बिकवाली का दबाव खरीदारी के दबाव से अधिक मजबूत था, लेकिन अव वियर मार्केट पर नियंत्रण हासिल कर रहे हैं।

2. शूटिंग स्टार पैटर्न

यह एक छोटा वॉडी और एक लंबी अपर विक वाली कैंडल है। यह आमतौर पर ऊपर की ओर अपट्रेंड के शीर्ष पर स्थित होता है। आमतौर पर, इसमें मार्केट पिछले दिन की तुलना में हायर प्राइस पर खुलता है और फिर तेजी से ऊपर की ओर जाता है फिर ऊपर पहुंचने के बाद सैलर्स का दबाब आता है और बह प्राइस को नीचे ले आते  है यह मार्केट में डाउनट्रेंड का संकेत देता है।

3. बेयरिश इंगल्फिंग पैटर्न

बेयरिश इंगल्फिंग पैटर्न, यह दो कैंडलस्टिक्स का एक पैटर्न है जहां पहली कैंडल एक छोटी हरी कैंडल होती है जो एक बड़ी लाल कैंडल से घिरी होती है। यह आमतौर पर ऊपर की ओर अपट्रेंड के शीर्ष पर होता है। यह मार्केट में आगामी गिरावट का संकेत देता है। यदि लाल कैंडल कम है, तो डाउनट्रेंड आमतौर पर अधिक महत्वपूर्ण होता है। 

4. ईवनिंग स्टार पैटर्न

यह एक तीन- कैंडल पैटर्न है जिसमें एक ईवनिंग स्टार पैटर्न है जिसमें एक लंबी लाल और एक लंबी हरी कैंडल के बीच एक छोटा वॉडी होता है। ये वॉडी लाल या हरा रंग का हो सकता है। आमतौर पर छोटी और लंबी कैंडल के बीच कोई ओवरलैप नहीं होता है। 

यह ऊपर की ओर अपट्रेंड के उलट होने का संकेत देता है। यह अधिक महत्वपूर्ण है यदि तीसरी कैंडल पहली कैंडल से अधिक बडी होती है तो माना जाता है कि वियर से मार्केट पर काबू पा लिया है।


निष्कर्ष

अब जब भी आप इस असमझस में आते है कि  इंट्राडे के लिए स्टॉक कैसे चुने तो आप इन चार्ट का उपयोग और इसके पैटर्न को समझकर आसानी से कर सकते है।

कैंडलस्टिक चार्ट मार्केट की धारणा और लोगो की भावनाओं को समझने में मदद करता हैं। हालांकि, यह भी याद रखना महत्वपूर्ण है कि इसका उपयोग मार्केट को ट्रैक करने के लिए एकमात्र उपकरण के रूप में नहीं किया जाना चाहिए।

मार्केट की चाल और निवेशक या ट्रेडर भावना पर बेहतर पकड़ पाने के लिए बहुत सारे ट्रेडर अन्य तकनीकी विश्लेषण इंडीकेटर के संयोजन के साथ कैंडलस्टिक पैटर्न का उपयोग करते हैं।

स्टॉक मार्केट में किसी भी शेयर में पैसा लगाने से पहले स्टॉक मार्केट की बारीकियों को जानना ज़रूरी है जिसके लिए आप स्टॉक मार्केट कोर्स ले सकते है

 

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