शेयर बाजार

शेयर बाजार

एक बाजार जहां शेयर सार्वजनिक रूप से जारी किए जाते हैं और कारोबार किया जाता है, शेयर बाजार के रूप में जाना जाता है। ‘स्टॉक मार्केट क्या है’ का उत्तर काफी हद तक शेयर बाजार के समान है। सेबी

स्टॉक मार्केट’ और शेयर मार्केट के बीच महत्वपूर्ण अंतर यह है कि शेयर मार्केट में केवल शेयरों को ट्रेड करने की अनुमति होती है। जबकि ‘स्टॉक मार्केट में डेरिवेटिव, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड, साथ ही सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में भी ट्रेड करने की अनुमति होती है।

जव कंपनियों को फंड की जरुरत होती है तव बह अपने शेयरों को शेयर बाजार में उतारते है, उसके बाद उन शेयरों में ट्रेड कर सकते है। स्टॉक एक्सचेंज में केवल उन्हीं शेयरों को खरीदा और बेचा जा सकता है जो उस पर सूचीबद्ध हैं। इसलिए, खरीदार और विक्रेता शेयर बाजार में मिलते हैं। भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज हैं।

शेयर मार्केट क्या है?

शेयर बाजार में नए हैं? कोई वात नही, मैं आपको इस लेख में शेयर बाजार की दुनिया से रूबरू कराऊंगा। सबसे पहले, आइए जानें कि शेयर बाजार क्या है? शेयर बाजार वह जगह है जहां शेयर की खरीद-बिक्री होती है। शेयर उस कंपनी का एक हिस्सा होता है जिस कंपनी के शेयर आपने खरीदे है।

उदाहरण के लिए, आपने 10 हजार रुपये के एस-बी-आई के 20 शेयर 500 रुपयें प्रति शेयर के भाव पर खरीदे, तो आप एस-बी-आई के शेयरधारक बन जाते हैं। इससे आप जब चाहें एस-बी-आई शेयर बेच सकते हैं। शेयरों में निवेश करने से आप अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं जैसे उच्च शिक्षा, कार खरीदना, घर बनाना आदि।

यदि आप कम उम्र में निवेश करना शुरू करते हैं और लंबे समय तक निवेशित रहते हैं, तो रिटर्न की दर अधिक होगी। जिस समय आपको पैसे की जरूरत है, उसके आधार पर आप अपनी निवेश रणनीति की योजना बना सकते हैं। 

शेयर खरीदकर आप जिस कंपनी में पैसा लगा रहे हैं। फिर जैसे-जैसे वह कंपनी बढ़ेगी, आपके शेयर की कीमत भी बढ़ेगी। आप शेयर बाजार में बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं। कई कारक हैं जो किसी शेयर की कीमत को प्रभावित करते हैं।

कभी कीमत बढ़ सकती है तो कभी गिर सकती है। लंबी अवधि का निवेश आपको अच्छी वैल्थ बना कर दे सकता है वशर्ते आपने सही शेयर में निवेश किया हो।

अव सबाल ये आता है कि आखिर कोई कंपनी अपने शेयर जनता को क्यों बेचती है? एक कंपनी को अपने विस्तार, विकास आदि के लिए पूंजी या धन की आवश्यकता होती है और इस कारण से वह जनता से धन जुटाती है। जिस प्रक्रिया से कंपनी शेयर जारी करती है उसे इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) कहा जाता है। हम प्राइमरी मार्केट के तहत आईपीओ के बारे में विस्तार से पढेंगे।

आपने हमेशा लोगों को बुल मार्केट और बियर मार्केट के बारे में बात करते सुना होगा। वे क्या हैं? बुल मार्केट वह है जहां शेयरों की कीमतें बढ़ती रहती हैं और बियर मार्केट वह होता है जहां कीमतें गिरती रहती हैं। यह सब खरीद-बिक्री कहाँ होती है? एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) और बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज)।

ये भारत में दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज हैं और सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) द्वारा विनियमित हैं। ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज और निवेशकों के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करते हैं।

तो निवेश या ट्रेडिंग शुरू करने के लिए, आपको एक ब्रोकर के साथ एक डीमैट खाता (demat account meaning in hindi) और ट्रेडिंग खाता खोलना होगा। आप एक सरल प्रक्रिया के माध्यम से आसानी से ऑनलाइन कर अपना खाता खोल सकते हैं। अपने बैंक खाते को इन खातों से जोड़ने के बाद, आप अपनी निवेश यात्रा शुरू कर सकते हैं। 


शेयर बाजारों के प्रकार

अब जब हम शेयर बाजार का अर्थ समझते हैं, तो शेयर बाजार की मूल बातें का एक प्रमुख पहलू यह है भारत में दो प्रकार के शेयर बाजार हैं, प्राथमिक बाजार और द्वितीयक बाजार हैं।

  1. प्राथमिक बाजार

एक प्राथमिक शेयर बाजार एक ऐसा स्थान है जहां एक कंपनी पहले धन जुटाने के लक्ष्य के साथ पंजीकृत होती है और एक निश्चित मात्रा में शेयर जारी करती है। प्राथमिक स्टॉक एक्सचेंज में सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध होने का लक्ष्य धन जुटाना है।

यह वह जगह है जहां एक कंपनी एक निश्चित मात्रा में शेयर जारी करने और धन जुटाने के लिए पंजीकृत हो जाती है। अगर कंपनी पहली बार अपने शेयर बेचने का फैसला करती है, तो इसे आरंभिक सार्वजनिक पेशकश के रूप में जाना जाता है।

प्राथमिक बाजार,  स्टॉक मार्केट का एक हिस्सा है जहां एक कंपनी आईपीओ की प्रक्रिया द्वारा प्राथमिक बाजार में शेयर जारी करके पैसा जुटाती है।

जब कोई कंपनी इनिशियल पब्लिक ऑफर (आईपीओ) के जरिए पहली बार सार्वजनिक होने का फैसला करती है, तो यह प्राथमिक बाजार में किया जाता है। चूंकि यहां पहली बार शेयरों को बेचा जाता हैं, इसलिए प्राथमिक बाजार को न्यू इश्यू मार्केट (एनआईएम) के रूप में भी जाना जाता है।

एक आईपीओ के दौरान, कंपनी अपने शेयर सीधे प्राथमिक बाजार में निवेशकों को बेचती है। आईपीओ के माध्यम से निवेशकों को नया स्टॉक खरीदने का मौका मिलता है।

एक बार प्राथमिक बाजार में शेयर बेचे जाने के बाद, उन्हें द्वितीयक बाजार में ट्रेडर्स और निवेशको द्वारा खरीदा और बेचा जाता है।

  1. द्वितीयक बाजार

एक बार जब कंपनी की नये शेयरों को प्राथमिक बाजार में बेच दिया जाता है, तो उन्हें द्वितीयक शेयर बाजार में ट्रेड किया जाता है। द्वितीयक बाजार में, निवेशकों को अपने निवेश से बाहर निकलने और अपने शेयरों को बेचने का अवसर मिलता है।

द्वितीयक बाजार पर लेन-देन में ज्यादातर ऐसे ट्रेड शामिल होते हैं जहां एक निवेशक मौजूदा बाजार मूल्य पर एक अलग निवेशक से शेयर खरीदना या बेचना चुनता है।

दोनों पक्ष जो भी मूल्य निर्धारित करने के लिए सहमत होते हैं या वर्तमान बाजार मूल्य के आधार पर, एक निवेशक दूसरे से द्वितीयक बाजार में शेयर खरीदेगा या बेचेंगा। आमतौर पर निवेशक या ट्रेडर इन लेन-देन को एक ब्रोकर के माध्यम से करते हैं जो इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाते हैं।

ब्रोकर आपको एक प्लॉटफोर्म प्रदान करता है जहां ट्रेडर और निवेश अपनी ट्रेडिंग गतिविधि करते है। 

इसके साथ शेयर के भी अलग-अलग प्रकार होते है जैसे की:

इक्विटी शेयर, डिविडेंड शेयर, प्रीफरेंस शेयर, ब्लू चिप शेयर आदि। इनका संक्षिप्त में उल्लेख आगे दिया गया है।


शेयर बाजार के नियम

जैसे हर किसी संस्था के अपने कुछ नियम और कानून होते है, ठीक उसी प्रकार शेयर बाजार में निवेश करने से पहले ज़रूरी है की आप मार्केट के नियमो से पूरी तरह से अवगत रहे

यहाँ पर शेयर मार्केट के कुछ नियम का उल्लेख किया गया है जिससे आप शुरुआत से ही मार्केट की सही जानकारी प्राप्त कर उसमे निवेश करने का निर्णय ले सकते है

  1. सही स्टॉकब्रोकर का चयन करने के लिए उनके मौजूदा क्लाइंट और शिकायत के डेटा को देखे
  2. स्टॉकब्रोकर के साथ डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट खोले
  3. अपने ट्रेडिंग प्लेटफार्म को सही पासवर्ड के साथ सुरक्षित रखे
  4. शुरुआत में लॉन्ग टर्म निवेश की योजना के साथ मार्केट में प्रवेश करे
  5. ट्रेड और निवेश करने के समय को निर्धारित करे

Share Market Timing in Hindi  

शेयर बाजार में ट्रेड केवल भारत में एक विशिष्ट समय अंतराल के दौरान ही किया जा सकता है। भारत में शेयर बाजार सोमबार से शुक्रबार तक सुबह 9.15 बजे से दोपहर 3.30 बजे खुला रहता है। जब कोई पब्लिक होलीडे होता है तो मार्केट बंद रहता है। अधिकांश निवेशक और ट्रेडर्स भारत में प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों – बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में सूचीबद्ध कंपनीयों के शेयरों की खरीद / बिक्री करते हैं। इन दोनों प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों के लिए भारतीय शेयर बाजार का समय समान है।

भारतीय शेयर बाजार का समय ट्रेडिंग के लिए तीन भागो में बटा हुआ है –

#1 प्री-ओपनिंग सेशन

प्री-ओपनिंग सेशन सुबह 09:00 बजे शुरू होता है और 09:15 AM तक चलता है। इसे आगे तीन वर्गों में बांटा गया है। इनमें से किसी एक सेक्शन के दौरान, आप सीमित अवधि के लिए शेयर खरीदने या बेचने के ऑर्डर दे सकते हैं। आइए नीचे प्री-ओपनिंग सेशन के विवरण देखें।

सेक्शन 1: पूर्वाह्न 09:00 से पूर्वाह्न 09:08 तक

इन 8 मिनटों के दौरान आप शेयर बाजार में अलग-अलग शेयर खरीदने या बेचने का ऑर्डर दे सकते हैं। इसके अलावा, आप अपने द्वारा रखे गए किसी भी ऑर्डर को संशोधित या रद्द भी कर सकते हैं। जब सामान्य ट्रेडिंग सत्र सुबह 09:15 बजे शुरू होता है, तो प्री-ओपनिंग सेशन के ऑर्डर को वरीयता मिलती है।

सेक्शन 2: सुबह 09:08 बजे से सुबह 09:12 बजे तक

इन 4 मिनटों के दौरान, आप कोई नया ऑर्डर नहीं दे सकते, मौजूदा ऑर्डर में बदलाव नहीं कर सकते या कोई ऑर्डर रद्द नहीं कर सकते। 

सेक्शन 3: सुबह 09:12 बजे से सुबह 09:15 बजे तक

यह 3 मिनट का समय प्री-ओपनिंग सेशन और सामान्य सेशन के बीच एक कनेक्शन अनुभाग की तरह है। यह नियमित ट्रेडिंग सेक्शन में ट्रेडिंग को आसान बनाने के लिए एक बफर की तरह व्यवहार करता है। फिर से, इन 3 मिनटों के दौरान भी, आप कोई ऑर्डर नहीं दे सकते, संशोधित नहीं कर सकते या रद्द नहीं कर सकते।

#2 सामान्य सेशन

इसे निरंतर ट्रेडिंग सेशन के रूप में भी जाना जाता है, और यह सुबह 09:15 बजे से दोपहर 03:30 बजे तक चलता है। इस सत्र के दौरान, आप स्वतंत्र रूप से ट्रेड कर सकते हैं, स्टॉक खरीदने या बेचने के लिए ऑर्डर दे सकते हैं, और बिना किसी सीमा के अपने खरीद या बिक्री ऑर्डर को संशोधित या रद्द कर सकते हैं। 

#3 समापन के बाद का सत्र

यह सत्र तब शुरू होता है जब नियमित ट्रेडिंग सत्र दोपहर 03:30 बजे समाप्त होता है। समापन के बाद का सत्र, जो अपराह्न 04:00 बजे तक चलता है, इसके दो खंड होते हैं।

खंड 1: अपराह्न 03:30 से अपराह्न 03:40 तक

इन 10 मिनटों में, स्टॉक की समाप्ति कीमतों की गणना 03:00 PM और 03:30 PM के बीच ट्रेड किए गए स्टॉक की कीमतों का भारित औसत(weighted average) लेकर की जाती है। सेंसेक्स और निफ्टी जैसे इंडेक्स के समापन मूल्यों की गणना उस इंडेक्स में सूचीबद्ध सभी शेयरों के भारित औसत(weighted average) मूल्यों पर विचार करके की जाती है।

खंड 2: अपराह्न 03:40 से अपराह्न 04:00 बजे तक

20 मिनट के इस खंड में, आप अभी भी खरीद और बिक्री के ऑर्डर दे सकते हैं। लेकिन ऑर्डर की पुष्टि तभी होती है जब बाजार में पर्याप्त संख्या में खरीदार और विक्रेता हों।


शेयर मार्केट में एनालिसिस कैसे करें?

स्टॉक मार्केट विश्लेषण(Analysis) निवेशकों को सही शेयरों में निवेश करने में मदद करता है। स्टॉक विश्लेषण का उपयोग करके, निवेशक और ट्रेडर इक्विटी खरीदने और बेचने के फैसले पर पहुंचते हैं। पिछले और वर्तमान डेटा का अध्ययन और मूल्यांकन निवेशकों और ट्रेडर को सही निर्णय लेने के लिए बाजारों में बढ़त हासिल करने में मदद करता है। 

किसी भी स्टॉक में निवेश करने से पहले एक शोध (Analysis) करना जरूरी है। गहन शोध के बाद ही आप किसी निवेश के मूल्य और भविष्य के प्रदर्शन के बारे में कुछ अनुमान लगा सकते हैं, बस यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप एक ऐसा निवेश कर रहे हैं जिससे आपको अधिकतम रिटर्न मिलने की उम्मीद है।

जब आप इक्विटी में निवेश करते हैं, तो आप व्यवसाय के मूल्य में वृद्धि पर पैसा बनाने की उम्मीद में व्यवसाय के कुछ हिस्से खरीदते हैं। कुछ भी खरीदने से पहले, चाहे वह कार हो या फोन, आप उसके प्रदर्शन और गुणवत्ता के बारे में कुछ हद तक शोध करते हैं।

एक निवेश अलग नहीं है। यह आपकी मेहनत की कमाई है जिसे आप निवेश करने वाले हैं, इसलिए आपको इस बात की उचित जानकारी होनी चाहिए कि आप किसमें निवेश कर रहे हैं।

शेयर मार्केट में दो तरह की एनालिसिस होती है, टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस। अगर आप एक ट्रेडर बनना चाहते है तो टेक्निकल एनालिसिस आपको जरुर सीखना होगा।

क्योंकि टेक्निकल एनालिसिस के आधार पर ही हम ट्रेडिंग के लिए स्टॉक एनालिसिस करते है। लेकिन अगर आप सिर्फ निवेश करना चाहते है तो फंडामेंटल एनालिसिस आना चाहिए।

Fundamental Analysis in Hindi 

फंडामेंटल एनालिसिस में, आप कंपनी के वित्तीय विवरणों(Financial Statement) में दी गई जानकारी का उपयोग करके एक इक्विटी शेयर के मूल्य का पता लगाने का प्रयास करते हैं। एक निवेशक व्यवसाय के विभिन्न पहलुओं जैसे कंपनी के लाभ – हानि स्टेटमेंट, बेलेंसशीट, मैंनेजमेंट, कंपनी क्या करती है और पैसे कैसे कमाती, कंपनी के प्रतिस्पर्धा आदि का विश्लेषण करने का प्रयास करता है।

एक निवेशक फंडामेंटल एनालिसिस के आधार पर ऐसे स्टॉक्स की रिसर्च करता है जो लंबी अवधि में उसे ज्यादा से ज्यादा रिटर्न दे सके, इसके शुरुआत एक निवेशक सेक्टर एनालिसिस से करता है। विश्लेषण करने से पहले जाने की stock market me kitne sector hote hai और उसके अनुसार एक सही कंपनी का चयन कर उसका फंडामेंटल एनालिसिस के जरिए निवेशक भविष्य में प्राप्त होने वाले रिटर्न की जानकारी प्राप्त कर सकता हैं।


Technical Analysis in Hindi 

टेक्निकल एनालिसिस भविष्य में कीमतों की प्रवृत्ति की भविष्यवाणी करने के लिए पिछले स्टॉक की कीमतों के अध्ययन से संबंधित है। यह आपको शेयर की कीमतों की गति की दिशा दिखाता है। टेक्निकल एनालिसिस की मदद से आप यह पहचान सकते हैं कि शेयर की कीमत में तेज वृद्धि होगी या गिरावट।

चूंकि स्टॉक की कीमतें निवेशक और ट्रेडर्स की भावनाओं पर निर्भर होती हैं जो समाचार और घटनाओं के अनुसार बदलती रहती हैं, टेक्निकल एनालिसिस स्टॉप-लॉस के उपयोग पर जोर देता है।

यह निवेशकों को भविष्य में बड़ा नुकसान झेलने से बचाएगा। टेक्निकल एनालिसिस केवल उन शेयरों के लिए सार्थक परिणाम देता है जिनकी मांग अधिक है और बड़ी मात्रा में कारोबार किया जाता है।  

टेक्निकल एनालिसिस विभिन्न प्रकार के चार्ट का उपयोग करता है जैसे बार चार्ट, कैंडलस्टिक चार्ट; स्टॉक की कीमतों के पैटर्न को समझने के लिए। स्टॉक की कीमतों में तत्काल मूवमेंट की जांच के लिए शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स द्वारा दैनिक चार्ट का उपयोग किया जाता है। लंबी अवधि में अधिक कमाई की संभावना का पता लगाने के लिए ट्रेडर्स द्वारा साप्ताहिक/मासिक चार्ट का उपयोग किया जाता है। 

शेयर मार्केट का गणित और टेक्निकल विश्लेषण से आप स्टॉक प्राइस के ट्रेंड, वोलैटिलिटी  की जानकारी ले सकते है और उसके साथ सही प्राइस पर मार्केट में पोजीशन ले सकते है


शेयर मार्केट का गणित

शेयर मार्केट में ट्रेड करने के लिए मूविंग एवरेज का इस्तेमाल कर ट्रेंड की जानकारी प्राप्त करनी हो या इक्विटी में निवेश कर रिटर्न की गणना, शेयर मार्केट में अलग-अलग फार्मूला का उपयोग किया जाता है

यहाँ पर जब बात निवेश से मिलने वाले रिटर्न की आती है तो उसकी गणना कम्पाउंडिंग से की जाती है। अब कंपाउंडिंग क्या है?

आपने गणित में कंपाउंड इंटरेस्ट के बारे में ज़रूर पढ़ा होगा जिसमे निवेश करने के बाद साल में अंत में कमाई हुई राशि आपके निवेश के साथ जुड़ जाती है और अगले वर्ष के रिटर्न की गणना उस कुल राशि में की जाती है। स्टॉक मार्केट में निवेश की जब बात आती है तो उसके रिटर्न की गणना भी उसी प्रकार की जाती है, जिससे एक निवेशक कई गुना तक का रिटर्न प्राप्त कर सकता है।

इसके साथ कंपनी की मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिए शेयर के मार्केट प्राइस और कंपनी के शेयर को आपस में गुना किया जाता है, जिसके आधार पर लार्ज, मिड और स्माल कैप की केटेगरी में कंपनी का विभाजन किया जाता है

इन्ही में से लार्ज कैप कम्पनीज निफ़्टी ५० और सेंसेक्स की सूची में शामिल हो मार्केट की स्थिति की जानकारी प्रदान करती है, जिसके अनुसार मौजूदा और नए निवेशक मार्केट में पोजीशन लेने का निर्णय लेते है

दूसरी ओर ट्रेडिंग करने के लिए मूविंग एवरेज, सपोर्ट  रेजिस्टेंस,पाइवोट पॉइंट आदि की गणना करने के लिए शेयर मार्केट के गणित के कई फार्मूला का उपयोग किया जाता है जिससे एक निवेशक और ट्रेडर कॅल्क्युलेटिव निर्णय लेकर शेयर बाजार में पोजीशन लेते है


शेयर मार्केट में निवेश कैसे करे?

शेयर बाजार में निवेश करना मुश्किल हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो इस निवेश की दुनिया में नए हैं। इस लिए मेरी सलाह है कि निवेश करने से मार्केट को अच्छी तरह समझ ले उसके बाद ही निवेश की दुनिया में कदम रखे।

यदि आप सोच रहे हैं कि भारत में आप घर पर रहकर ही शेयर बाजार में कैसे निवेश किया जाए, तो आप विल्कुल सही जगह आए है। अपने घर के आराम से आसानी से स्टॉक खरीदने के लिए आपको जिन चरणों का पालन करने की आवश्यकता है, वे यहां दिए गए हैं:

चरण 1: एक डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोलें और सुनिश्चित करें कि लेनदेन सुचारू रूप से करने के लिए यह पहले से मौजूद बैंक खाते से जुड़ा हुआ हो।

चरण 2: एक स्टॉक चुनें जिसमें आप निवेश करना चाहते हैं।

चरण 3: अब स्टॉक के वारे में पूरी रिसर्च करे, जैसा कि हमने शेयर मार्केट एनालिसिस वाले भाग में बताया है। 

चरण 4: ये सुनिश्चित करे कि आप कितने शेयर खरीदना चाहते है।

चरण 5: आप जो भी शेयर खरीदना चाहते है उसके पर्याप्त पैसा अपने डीमेट खाते में डाले।

चरण 6: अब आप अपने व्रोकर के प्लॉटफ़ॉर्म या एप पर जाए, स्टॉक चुने, शेयरो की मात्रा चुने और फिर ऑडर लगाए।

चरण 7: एक बार जब कोई विक्रेता उस अनुरोध पर प्रतिक्रिया करता है, तो आपका खरीद आदेश निष्पादित हो जाएगा। लेन-देन पूरा होने के बाद, आपके बैंक खाते से आवश्यक राशि डेबिट हो जाएगी। साथ ही, आपको अपने डीमैट खाते में शेयर प्राप्त होंगे।


Movies On Stock Market in Hindi

स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिए अलग-अलग माध्यम है और उनमे से एक सबसे आसान और आकर्षित माध्यम है स्टॉक मार्केट से जुड़ी मूवीज देखना। हालांकि इन मूवीज से आपको स्टॉक मार्केट की बारीकियां नहीं पता चलती है लेकिन किस तरह से मार्केट काम करता है और एक निवेशक की मानसिकता के बारे में आप काफी कुछ जान सकते है।

भारत में स्टॉक मार्केट मूवीज जो स्क्रीन पर अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रचिलित है वह नीचे टेबल में दी गई है: 

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शेयर मार्केट कैसे सीखे?

जब बात आती है कि शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कैसे सीखे तो उसके लिए आज के समय में कुछ विकल्प है जो आपको आसानी से स्टॉक मार्केट को समझने और सीखने में मदद करते है जैसे की books, Youtube, course और online और offline classes. लेकिन इस सबसे पहले ज़रूरी है कुछ ज़रूरी बातो को समझना जैसे की: 

स्टेप- 1: सबसे पहले आपको शेयर मार्केट की बुनियादी ज्ञान को समझना होगा, फिर चाहे आप एक ट्रेडर बनना चाहते हो या फिर एक निवेशक।

स्टेप- 2: निवेशक बनना चाहते है तो फंडामेंटल एनालिसिस सीखे और ट्रेडर बनना चाहते है टेक्निकल एनालिसिस सीखे।

स्टेप- 3: आपने जो भी सीखा है उसे लाईव मार्केट में टेस्ट करे।

स्टेप- 4: जब आपको लगने लगे कि मैं अव निवेश या ट्रेडिंग के लिए तैयार हुं तब कम कैपिटल के साथ शुरुआत करे।

स्टेप- 5: हमेशा सीखते रहे, क्योंकि ये कभी न खत्म होने बाला लर्निग प्रोसेस है।

एक सफल निवेशक या ट्रेडर बनने के लिए ज़रूरी है कि आप एक सही कोर्स का चयन करे स्टॉक मार्केट कोर्स (stock market course in hindi) के लिए अभी Stockpathshala app डाउनलोड करें और शुरू करें अपनी स्टॉक मार्केट जर्नी को।


 

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