Basics of Share Market in Hindi

Basics of Share Market in Hindi

आपने कभी न कभी शेयर मार्केट का नाम जरुर सुना होगा और फिर आपके दिमाग में आया होगा कि आखिर ये शेयर और शेयर मार्केट क्या हैं? आइए इस लेख Basics of Share Market in Hindi में हम विस्तार से समझेंगे।

हम में से प्रत्येक ने अपने लिए कुछ लक्ष्य तय किए होते है और उनकी एक समय सीमा भी तय करते है कि इतने सालो में हमें अपना लक्ष्य प्राप्त करना है। 

उदाहरण के लिए, आप विदेश में पढ़ाई करने, कार खरीदने, घर बनाने आदि की योजना बना सकते हैं। आप भी जानते कि इन्हें प्राप्त करने के लिए, आपको एक उचित फानेंसियल योजना बनाने की जरुरत है। इससे मेरा मतलब निवेश से है। शेयर बाजार लंबी अवधि में उच्च रिटर्न प्रदान करते हैं और इसलिए आपको कम उम्र में निवेश शुरू करना चाहिए और अपने निवेश में लंबे समय तक नियमित रूप से बने रहना चाहिए ।

Shares Meaning in Hindi

एक शेयर, जिसे इक्विटी (equity meaning in hindi) के रूप में भी जाना जाता है, एक सिक्योरिटी है जो किसी कंपनी के एक छोटे हिस्से को दर्शाती है। जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं, तो आप उस कंपनी के एक शेयरधारक बन जाते हैं, और आपके पास जो छोटा हिस्सा होता है उसे ही शेयर कहा जाता है।

निवेशक इस उम्मीद में शेयर खरीदते है कि बह कंपनी आगे अच्छा प्रदर्शन करेगी और मुनाफा कमायेगी तो उसके शेयरधारको को भी फायदा होगा।

इसके विपरीत, शेयरधारक अगर कंपनी कम प्रदर्शन करती है या गिरावट दिखाती है तो आपको नुक्सान भी उठाना पड सकता हैं। और सबसे खराब स्थिति में, अगर कंपनी दिवालिया हो जाती है तो शेयरधारको के शेयर विल्कुल बेकार भी हो सकते हैं।


शेयर बाजार

जब लोग शेयर बाजार में ट्रेड करते हैं, तो वे कई चीजों और कई एक्सचेंजों पर ट्रेड करते हैं जहां शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं। मोटे तौर पर, शेयर बाजार सार्वजनिक रूप से ट्रेड करने वाले उन शेयरों का कुल योग है, जिन्हें कोई भी एक्सचेंज पर आसानी से खरीद या बेच सकता है।

आसान शब्दों में कहे, शेयर मार्केट एक ऐसी जगह है जहां आप किसी भी लिस्टेड कंपनी के शेयरों को खरीद व बेच सकते है। 

शेयर मार्केट वास्तव में एक नॉर्मल मार्केट की तरह है, जहां किसी कंपनी के शेयर रखने वाले लोग उन्हें उन निवेशकों को बेच सकते हैं जो उन्हें खरीदना चाहते हैं। यह ट्रेडिंग नेशनल स्टॉक एक्सचेंज या बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज में होती है। पहले के वर्षों में, ट्रेडर या निवेशक ट्रेड करने के लिए एक भौतिक स्थान – एक्सचेंज की विल्डिंग में जाते थे, लेकिन अब लगभग सभी ट्रेड इलेक्ट्रॉनिक रूप से होते हैं।

यानि कि आप घर बेठे ही अपने मोबाईल या कम्प्युटर की मदद से किसी भी कंपनी के शेयरों में ट्रेड कर सकते है। एक सही निवेश करने के लिए यहाँ ज़रूरी होता है कि आप सही शेयर का चयन करें जिसके लिए आपको स्टॉक मार्केट के सेक्टर की जानकारी होना काफी आवश्यक होता है। अब प्रश्न आता है कि stock market me kitne sector hote hai.

कम्पनीज के कार्य और सर्विस के अनुसार सभी लिस्टेड कम्पनीज अलग अलग रिटर्न प्रदान करती है जिसको आसानी से समझने के लिए इन कम्पनीज को 11 सेक्टर्स में बांटा गया है। अब पहले सेक्टर और फिर शेयर का विश्लेषण कर आप आसानी से किसी भी स्टॉक में निवेश करने का फैसला ले सकते है।

शेयर मार्केट कैसे काम करता है?

शेयर बाजार वास्तव में निवेशकों या ट्रेडर्स के लिए स्टॉक का आदान-प्रदान करने का एक तरीका है, या इसके विपरीत, जो कोई भी किसी लिस्टेड कंपनी के स्टॉक खरीदना चाहता है, वह शेयर मार्केट में जा सकता है और जो स्टॉक के मालिक हैं, उनसे जो कुछ भी वर्तमान प्राइस या ऑफर प्राइस पर मिल रहा हो उसे खरीद सकते हैं। खरीदार अपने शेयरों की प्राइस में वृद्धि की उम्मीद करते हैं, जबकि विक्रेता अपने शेयरों की प्राइस में गिरावट की उम्मीद कते हैं।

इसलिए शेयर मार्केट निवेशकों को किसी कंपनी के भविष्य पर दांव लगाने की अनुमति देता है। कुल मिलाकर, एक निवेशक कंपनी का प्राइस निर्धारित करते हैं कि वे किस कीमत पर खरीदना और बेचना चाहते हैं और ये शेयर की मांग, आपूर्ति के आधार पर, उस शेयर की प्राइस ऊपर जा सकती है या फिर नीचे जा सकती है,” यूटा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जेसी एक्स फैन कहते हैं। “

शेयर बाजार में हर दिन, हर एक सेकेंड में उतार-चढ़ाव होते है। इसलिए शेयर की प्राइस हर एक सेकेण्ड से पहले ही बदलती रहती है। 

किसी भी दिन मार्केट में शेयर की प्राइस में ज्यादा उतार-चढ़ाव हो सकता है ये उस शेयर की मांग या आपूर्ति पर निर्भर करता है, समय के साथ मार्केट अपने व्यावसायिक परिणामों और भविष्य की संभावनाओं पर एक कंपनी का मूल्यांकन करता है। 

अगर किसी कंपनी के व्यवसाय की बढ़ती बिक्री और मुनाफे में इसके स्टॉक में वृद्धि होने की संभावना होती है, जबकि एक मंदे चल रहे व्यवसाय में शायद कम से कम समय के साथ इसके स्टॉक में गिरावट देखी जा सकती है। 

जिस कंपनी में आपने पैसा लगाया है अगर वह अच्छा प्रदशर्न करती है और अच्छा प्रॉफिट करती है तो बह कंपनी उस लाभ का कुछ हिस्सा अपने शेयरधारको को डिवीडेंट के रुप में देती है। शेयर बाजार के कार्य को समझने के लिए आप movies on stock market in hindi को देख सकते है जो मार्केट को समझने का सबसे आसान माध्यम है। 

शेयर बाजार के नियम

शेयर बाजार में निवेश करने हेतु ज़रूरी होता है कि आप कुछ नियमों से अवगत रहे और उसी के अनुसार निवेश करे। यहाँ पर शेयर मार्केट से जुड़े कुछ नियम दिए गए है जिससे एक शुरूआती निवेशक स्टॉक मार्केट से अवगत होकर उसमे निवेश कर सकता है:

  • सही स्टॉकब्रोकर चुने
  • मार्केट की गलत खबरों से दूर रहे
  • शुरुआत में लम्बे समय के लिए निवेश करें
  • ट्रेडिंग करने का सही समय जाने
  • सही रिसर्च करके निवेश करें

कंपनियां शेयर क्यों जारी करती हैं?

जब किसी कंपनी को फंड की आवश्यकता होती है तो उसके पास फंड जुटाने के दो रास्ते है एक वह किसी बैंक से लोन ले जिस पर किसी कुछ सालाना व्याज देना होगा, और दूसरा रास्ता है कि वह अपने शेयर्स पब्लिक को बेच दे। 

अगर कंपनी दूसरा चुनती है तो उसे अपने शेयर्स मार्केट में जारी करने होते है फिर इच्छुक निवेशक उस कंपनी में निवेश कर सकते है। कंपनी जो पैसा अपने शेयर्स बेचकर उठाती है बह पैसा कंपनी को न तो वापस देना होता है और न ही उस पैसे पर कोई ब्याज देना होता है। 

कंपनियां उन निवेशकों से पैसा जुटाने के लिए शेयर जारी करती हैं ताकि वह अपने व्यवसाय का विस्तार करने या लोन चुकाने में उस पैसे का उपयोग कर सके। फिर निवेशक इस सोच के साथ के साथ निवेश करते है कि भविष्य में व्यवसाय समृद्ध होगा, वे स्टॉक इश्यू खरीदते हैं। 

ये शेयर्स इशु जारी कर फंड जुटाने की प्रकिया को आईपीओ कहा जाता है अभी हम देखते है कि आईपीओ क्या होता  है। 


IPO Meaning in Hindi

एक प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) वह होता है जब कोई कंपनी जनता को पहली वार शेयर जारी करती है। यह तब होता है जब एक निजी कंपनी ‘सार्वजनिक’ होने का फैसला करती है।

दूसरे शब्दों में, एक कंपनी जो अव तक निजी स्वामित्व वाली कंपनी थी, वह आईपीओ के बाद सार्वजनिक रूप से शेयर मार्केट ट्रेड करने वाली कंपनी बन जाती है।

आईपीओ से पहले, एक कंपनी के पास बहुत कम शेयरधारक होते हैं। इसमें कंपनी का संस्थापक, एंजेल निवेशक और कुछ  उद्यम पूंजीपति शामिल होते हैं। लेकिन आईपीओ के बाद, कंपनी अपने शेयर जनता के लिए बिक्री के लिए खोलती है। 

एक निवेशक के रूप में, फिर आप सीधे कंपनी से शेयर खरीद सकते हैं और उस कंपनी के शेयरधारक बन सकते हैं।

शेयर मार्केट में दो तरह के मार्केट होते है जिनमें एक प्राईमरी मार्केट होता है और दूसरा सेकेण्डरी मार्केट होता है, कंपनी जब अपने शेयर्स पब्लिक को इशु करती है तो प्रोसेस प्राईमरी मार्केट में होता है और एक जब एक बार किसी कंपनी का आईपीओ इशु हो जाता है उसके बाद वह शेयर्स सेकेण्डरी मार्केट में ट्रेडिंग के लिए जाते है। यानि कि एक तरह से हम कह सकते है आप और हम जो ट्रेडिंग या निवेश करते है वह सेकेण्डरी मार्केट में ही करते है।

अब आईपीओ के फायदे क्या है? तो यहाँ पर सबसे मुख्य लाभ है लिस्टिंग प्राइस से मुनाफा कामना। अगर आपने किसी ऐसी कंपनी की आईपीओ में निवेश किया है जो आगे चलकर ज़्यादा ग्रोथ कर सकती है तो यहाँ पर उसका लिस्टिंग प्राइस इशू प्राइस से ज़्यादा होने की उम्मीद होती है, जो एक निवेशक को अच्छा मुनाफा प्रदान कर सकता है

मुख्य बिंदु यह है: कि निवेशक अपनी अपेक्षाओं के अनुसार शेयरों की प्राइस लगाते हैं कि भविष्य में कंपनी का व्यवसाय कैसा प्रदर्शन करेगा। इसलिए मार्केट अनुमान पर काम करता है, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि मार्केट लगभग छह से नौ महीने दूर तक की घटनाओं का अनुमान लगा सकता है। 

कंपनी के वर्तमान मुनाफे के अनुसार निवेशक रिटर्न की गणना करते है जिससे कम्पाउंडिंग के अनुसार भविष्य में रिटर्न की अपेक्षा की जाती है। अब यहाँ पर कंपाउंडिंग क्या है?

शेयर मार्केट का गणित आपको कम्पाउंडिंग के अनुसार रिटर्न की जानकारी देता है, यानी की अगर आपने किसी कंपनी में 1 लाख रुपये से निवेश किया जिसमे औसत रिटर्न 10% का है तो वर्ष के अंत में आपको 10,000 रुपये का रिटर्न मिलेगा। 

अब अगर आप इस 10,000 को नहीं निकलते तो दूसरे वर्ष के अंत में आपको 1,10,000 रुपये पर 10% के हिसाब से रिटर्न कमाने का मौका मिलेगा।  इस प्रकार आप शेयर मार्केट के गणित को समझ मार्केट में कम्पाउंडिंग का लाभ कमा सकते है। 


सेबी क्या है?

अव इतना बडा शेयर मार्केट है अगर उसको कोई रेगुलेट न करे, तो शेयर मार्केट में बहुत ज्यादा धोकेबाजी हो सकती है इस लिए भारत सरकार ने शेयर मार्केट को रेगुलेट करने के लिए सेबी का निर्माण किया है।

सेबी की स्थापना 12 अप्रैल, 1992 को एक वैधानिक नियामक संस्था के रुप में हुई। यह निवेशकों के हितों की रक्षा, नियम और दिशानिर्देश तैयार करते हुए भारतीय स्टॉक मार्केट, कमोडिटी मार्केट और करेंसी मार्केट की निगरानी और विनियमन करता है। सेबी का प्रधान कार्यालय बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स, मुंबई में मौजुद है।

बीएसई और एनएसई क्या हैं?

बीएसई का पूरा नाम ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ है। 1875 में स्थापित, बीएसई भारत में बॉम्बे से में स्थित पहला और स्टॉक लिस्टेड की संख्या के आधार पर सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंजो में से एक है। 

एनएसई का पूरा नाम ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ है। 1972 में बीएसई के बहुत बाद ये स्थापित हुआ, और बीएसई के समान एक देशव्यापी शेयर बाजार प्रदान करता है। जबकि बीएसई बहुत पुराना है, एनएसई बहुत बड़ा है, इस पर अधिक संख्या में दैनिक ट्रेड होते हैं और हाई टर्नओवर दर होती है।

सेंसेक्स और निफ्टी क्या हैं?

बीएसई और एनएसई शेयर मार्केट के एक्सचेंज हैं, जबकि सेंसेक्स और निफ्टी दोनों शेयर मार्केट इंडेक्स हैं। एक शेयर मार्केट इंडेक्स वास्तविक समय में बाजार की गतिविधियों को सांख्यिकीय रूप से सारांशित करता है। 

एक शेयर मार्केट इंडेक्स एक बाजार या एक्सचेंज से समान प्रकार के स्टॉक का चयन करके और उन्हें एक साथ समूहीकृत करके बनाया जाता है।  सेंसेक्स, जिसे बीएसई एक्सचेंज द्वारा भारत की टॉप 30 कंपनियों को मिलाकर बनाया गया एक इंडेक्स है। निफ्टी ५० , जिसे एनएसई एक्सचेंज द्वारा भारत की टॉप 50 कंपनियों को मिलाकर बनाया गया एक इंडेक्स है। इस लिए इसे निफ्टी 50 इंडेक्स कहा जाता है। 

ये दोनो इंडेक्स ही हमें समझने में मदद करती है कि मार्केट बुल रन में चल रहा है या मंदी में।


Stockbroker Meaning in Hindi

जैसे कि ऊपर बताया गया है की BSE और NSE दो स्टॉक एक्सचेंज है जहा पर IPO के बाद कंपनी लिस्ट होती है, लेकिन लिस्ट होने के बाद निवेश करने के लिए आपको ज़रुरत पड़ती है एक मिडल मेन की जो होता है स्टॉकब्रोकर। स्टॉकब्रोकर आपको ट्रेडिंग एप प्रदान करता है जिसकी मदद से आप किसी भी कंपनी के शेयर में ऑनलाइन ट्रेड या निवेश कर सकते है।

लेकिन ट्रेडिंग एप को पाने के लिए आपको स्टॉकब्रोकर के साथ डीमैट अकाउंट खोलना होता है। आइये जानते है कि डीमैट अकाउंट क्या होता है।

Demat Account Meaning in Hindi

जैसे की बैंक में पैसे जमा करने के लिए आपको एक बैंक अकाउंट की ज़रुरत पड़ती है, ठीक उसी प्रकार शेयर बाजार में ट्रेड करने के लिए आपको डीमैट अकाउंट चाहिए होता है। डीमैट अकाउंट वह अकाउंट है जहां पर आप अपने ख़रीदे हुए शेयर को डिजिटल फॉर्म के रख सकते है।

ये आपके शेयर और होल्डिंग्स की सुरक्षा को निर्धारित करता है और साथ में आपको ऑनलाइन ट्रेडिंग करने में मदद प्रदान करता है। 


निष्कर्ष 

शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए ज़रूरी है एक सही समझ और ज्ञान का होना जिसके लिए आप अलग-अलग स्टॉक मार्केट की किताबें (stock market books in hindi) पढ़ सकते है या फिर एक सही स्टॉक मार्केट कोर्स का चयन कर उससे निवेश या ट्रेड करने की बारीकियो को समझ सकते है।

इससे आप निवेश करने के अलग-अलग पहलूओं की जानकारी प्राप्त कर सकते है जैसे, कॅश फ्लो क्या होता है, PE रेश्यो क्या है और ROE meaning in hindi की विभिन्न जानकारी प्राप्त कर आप एक सही निर्णय ले ज़्यादा रिटर्न की उम्मीद कर सकते है

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